वजन कम करें मसल्स नहीं

सेहत और लुक्स दोनों को लेकर दुनिया में जागरूकता दिन ब दिन बढ़ रही है। ऐसे में वजन बढ़ने की समस्या को लेकर चिंतित होना लाजिमी है। वजन के चलते आप एक दिन भी अपनी मॉर्निंग वॉक या जिम क्लास को मिस नहीं करना चाहते। लेकिन क्या सिर्फ वजन घटाना काफी है?

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सप्लीमेंट लेना क्यों जरूरी ?

प्रोटीन्स, फैट्स, कार्बोहाइड्रेट्स, पानी, मिनिरल्स तथा विटामिन्स हमारे शरीर की विभिन् जरूरतें है| यह सब मांसपेशियां, ताकत, स्टैमिना जैसे खेलों में अति आवश्यक है शरीर के सभी अंगों को प्रफुलित करने के लिए इन तत्वों का होना अति आवश्यक है| प्रोटीन व एमिनो एसिड मान्स्पेशिओं के लिए अति आवश्यक है| व्यायाम के बाद मान्स्पेशिओ को दोबारा ताकत से काम करने के लिए इन सभी की जरूरत रहती है| जबकि कार्बोहाइड्रेट्स, फैट्स, शरीर को ऊर्जा शक्ति प्रदान करते हैं| बिना कार्ब्स के शरीर निर्जीव बेजान हो सकता है|

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क्यों ज़रूरी – लो कार्ब डाइट

लो-कार्ब डाइट एक आहार योजना है जो आपके आहार में कार्बोहाइड्रेट की सामग्री सीमित करके वजन कम करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करती हैं। आपकी डाइट में कैलोरी प्रोटीन, वसा और कार्बोहाइड्रेट वसा से आती है जो आप खाते हैं। खाद्य पदार्थ जो कार्ब को नियंत्रित करता है, उसमें स्टार्चयुक्त और शर्करायुक्त(प्राकृतिक और रिफाइंड शूगर दोनों) भोजन जैसे कि रोटी, पास्ता, चावल, मकई, मिठाई, फल, और सब्जियां शामिल हैं। लो-कार्ब डाइट में आपको उच्च प्रोटीन खाद्य पदार्थ खाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जैसे कि दूध, अंडे और पनीर और पनीर, और फल और अनाज सहित उच्च कार्बोहाइड्रेट खाद्यपदार्थ।

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ट्राइसिप एंड बिग आर्म्स

जब हम बढ़ी और ज्यादा बढ़ी बाजू की बात करते है तो सिर्फ बाइसेप की ही बात होती है। जबकि बाजू के टोटल मॉस का 60% ट्राईसिप्स के तीनो हिस्से ( हेड्स ) बनाते है। बाकि हिस्सा बाइसेप्स और ब्रेकोरएडीएलिस मसल्स बनाते है। एकला बाइसेप्स तो बाजु की बनावट बढ़िया देता है।ये एक सत्य है की हर वयक्ति के बाइसेप्स की बनावट अलग अलग होती है। चाहे कोई भी विभिन् व्ययाम करे बाइसेप्स की बनावट में अन्तर नहीं आ सकता। परंतु व्ययाम से आकर और बनावट बढ़िया हो जाते है। परंतु किसी दूसरे चैंप जैसी आकर नहीं बन सकती।

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7 बॉडीबिल्डिंग मिथक

आजकल के भाग दौड़ भरी जिंदगी में जहाँ स्वास्थय से जुडी समस्याएं बढ़ रही है तो वही दूसरी तरफ लोगों में अपने स्वास्थय को लेकर जागरूकता भी बढ़ती जा रही है | शायद यही वजह है बहुत से लोग फिट रहने के लिए जिम जाते है, बॉडी बना रहे है | ख़ास तौर पर युवाओं में बॉडीबिल्डिंग को लेकर क्रेज बढ़ता जा रहा है |साथ ही बॉडीबिल्डिंग को लेकर तरह तरह के मिथ ,गलत धारणाएं भी बढ़ रहें है | इसी वजह से वे बॉडी और मसल्स बनाने के लिए गलत तरीके भी अपना रहें है | इस लेख में आपको बॉडीबिल्डिंग को लेकर पाए जाने वाले मिथ और वास्तविकता से परिचित करा रहें है |

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वर्कआउट के दौरान पानी पीना क्यों ज़रूरी है?

शरीर में पानी की कमी होना किसी भी सूरत में सही नही माना जाता। व्यायाम के दौरान आपके शरीर से काफी पसीना निकलता है इसलिए आपको अधिक पानी की जरूरत होती है। लेकिन कोशिश यह करनी चाहिए कि व्यायाम शुरू करने से थोड़ी देर पहले और व्यायाम करने के थोड़ी देर बाद अधिक मात्रा में पानी पियें।किसी तरह की शारीरिक परेशानी होने पर डॉक्टर पानी पीने की सलाह देते हैं। दिन में कम से कम रोज़ 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिए। इससे आपका डायजेस्टिव सिस्टम, स्किन और बाल हेल्दी रहते हैं। पानी शरीर से बेकार पदार्थ बहार निकालता है। पानी न सिर्फ हमारी प्यास बुझाता है बल्कि पाचन-तंत्र से लेकर मस्तिष्क के विकास तक में अहम भूमिका निभाता है।जब भी आप जिम में जाकर जैसे ही थोड़ी देर तक एक्सरसाइज करते हैं वैसे ही आपको प्यास लगने लगती है। कुछ लोगों का मानना है की एक्सरसाइज के बीच में पानी पीना नुकसानदायक होता है।जिम करते समय पानी की बोतल अपने पास ज़रूर रखें, और वर्कआउट करते समय या सेट्स के बीच में थोड़ा पानी पीना आपके लिये फायदेमंद है।

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अच्छी बॉडी बनाने के लिए क्या खाएं?

आज बॉडी बिल्डिंग का क्रेज बहुत तेजी से बढता नजर आ रहा है बच्चे क्या और बूढ़े क्या, जिसको देखो वही जिम में जा कर घंटो पसीना बहा रहा है, जिम में जा कर केवल पसीना बहाने से कुछ नहीं होने वाला है। बॉडी बिल्डिंग दंड लगाने और दूध पीने से कहीं आगे की चीज है। अगर आपको अच्छी बॉडी चाहिये तो प्रोटीन और पोषक तत्‍वों से भरे आहार ग्रहण करने करने चाहिए |बॉडी बिल्डिंग के लिये आपको चीनी, कार्ब और वसा वाले भोजन पर रोक लगानी होगी | बॉडी बिल्डिंग का शौक रखने वालों को इस लेख के द्वारा ऐसे अहारों की जानकारी मिलेगी , जिसे नियमित खाने से आपकी बॉडी जल्द बनेगी। ऐसे आहार खाएं जिससे आपकी बॉडी भी बने, एनर्जी भी प्राप्त हो और इम्मयून सिस्टम भी मजबूत हो | बॉडी बिल्डिंग के मोटे तौर पर तीन हिस्से होते हैं- एक्सरसाइज , डाइट और आराम |

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लेग प्रेस और गलतियां

लेग प्रेस काफी ज्यादा की जाने वाली एक्सरसाइज है कारण के ये आसान है करने में | लेग प्रेस बॉडी के चार पार्ट्स पे काम करती है -क्वाड्रिसेप्स ,हैमस्ट्रिंग ,ग्लूटेउस मैक्सिमस और कल्वेस | इस कसरत करने की वजह सिर्फ स्क्वेट के मुकाबले हलकी होना ही नही ,बल्कि इसकी बदौलत हैवी वेट पुश करने से सटिस्फैक्शन मिलती है | फिर भी बहुत सारे लोग लेग प्रेस को ठीक तरह से नहीं कर पाते और कई गलतियां करते है जिनका वर्णन हम इस लेख में करने जा रहें हैं |

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हैवी वेट और लाइट वेट लिफ्टिंग ?

वेट लिफ्टिंग मसल्स के लिए ख़ास व्यायाम है ।इससे आपकी मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और शरीर को सही आकार भी मिलता है ।वेट लिफ्टिंग कैसी हो , हैवी या लाइट ।जब हम जिम जाते है कई लोग कहते है लाइट वेट से बॉडी ग्रो करेगी या कोई कहता है हैवी वेट से ज्यादा ग्रो होगी बॉडी ।जब आप हैवी वेट का इस्तेमाल कर रहे होते है तो आपके हॉर्मोन्स आपके बॉडी से मसल ग्रोथ और फैट बर्निंग प्रोसैस को तेज़ कर देते है।लाइट वेट मे आप अगर ज्यादा रेप्स लगाते है या हैवि वेट मे कम रेप्स लगाते है तो आपकी मसल्स पर बराबर लोड पड़ता है और आपकी मसल्स स्ट्रेन्थ बराबर बनती है ।

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प्रोटीन बचाए !!

प्रोटीन एक ऐसा मैक्रो खाद्यय तत्व है जिसे सेहत के प्रेमी एक अमूल्य पदार्थ मानते है। कोई शक नहीं है कि प्रोटीन ही शरीर है और शरीर का हर अंग या हिस्सा प्रोटीन व् अन्य माइक्रो तत्वों के साथ मिल कर बनता है। जैसे की प्रोटीन कैल्शियम से मिल कर हड्डियो को , आयरन से मिल कर खून को और पानी व अन्य माइक्रो मिनरल से मिल कर मांसपेशियो आदि को बनाते है।

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क्या बच्चों के लिए जिम जरुरी है ??

कई लोग ऐसा सोचते हैं की बच्चों को एक्सरसाइज करने की कोई ज़रूरत ही नहीं है जबकि यह गलत है। बच्चों को एक्सरसाइज करनी चाहिये लेकिन वो उनके उम्र के हिसाब से होनी चाहिये। बच्चों और बड़ों के लिये अलग-अलग तरह के व्यायाम बताये गये हैं। आज के समय में बच्चों को एक्सरसाइज करवाना इसलिये भी ज़रूरी हो गया है क्योंकि आजकल बच्चे अपना अधिकतर समय कंप्यूटर पर गेम खेलते हुये बिताते हैं और बाहर खेले जाने खेलों को कम खेलते हैं। वैसे भी आजकल के किशोर खुद ही अपने लुक्स को लेकर काफी सजग हो गए हैं। ऐसे में गुड लुक्स के लिए अपनी डाइट, स्पा पार्लर, ड्रेसिंग, एक्सेसरीज, सब ओर उनका रुझान बढ़ रहा है। इसी फेहरिस्त में जिम ने भी महत्वपूर्ण स्थान ले लिया है। जिम किशोरों के रूप को तो बेहतर बनाने में सहायक होता ही है, साथ ही उन्हें दुरुस्त भी रखता है| किशोरावस्था ऐसी अवस्था है, जिसमें जिम जाना शुरू किया जाए तो वह शरीर के लिए मजबूत नींव का काम करता है,लेकिन इसके विपरीत इस समय जिम की क्रियाओं से जुड़ी थोड़ी-सी लापरवाही भविष्य के लिए कई मुश्किलें भी खड़ी कर सकती है।

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वजन बढ़ाने के लिए क्या खाये ?

स्वस्थ भोजन हमेशा से ही स्वस्थ शरीर प्राप्त करने का एक राज़ है।वजन बढ़ाने में व्यायाम के साथ-साथ स्वस्थ आहार की बहुत जरूरत होती है।कई लोग सोचते है वजन बढ़ाना बहुत आसान है,केवल तला हुआ और वसा युक्त खाना खाकर वज़न बढ़ाया जा सकता है।परंतु वज़न बढ़ाने का यह स्वस्थ तरीका नहीं है। यदि आप अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं तो अपने आहार में पोषक तत्वों को शामिल कीजिए।वजन बढ़ाने के लिए आहार में कैलोरी, वसा, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेड की बहुत जरूरत होती है।इसके लिए एक डाइट चार्ट बनाये और उसे फोलो करे ।वैसे तो वजन घटाने की तरह बढ़ाना भी मुश्किल है , लेकिन अगर आप मेहनत करे और नियमित रूप से अपने खान पीन पर ध्यान दे, तो आप बहुत काम समय में वजन बढ़ा सकते है ।उच्च प्रोटीन युक्त आहार आपकी मांस पेशियों को बढ़ाता है तथा प्रभावी रूप से आपका वजन बढ़ाता है।आइए हम आपको बताते हैं वजन बढ़ाने वाले आहार के बारे में।

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कार्डिओ या ऐनाबोलिक कार्डिओ

कार्डिओ अपने आप में वो व्यायाम की गतिविधि है जिसमे हम अपने शरीर की ऊर्जा प्रयुक्त करते हुए शरीर में पड़ी हुई फालतू चर्बी घटा सकते हैं और साथ-साथ अपने शरीर को एक ऐसी बनावट दे सकते हैं जिसमे हमारे शरीर की मांसपेशियां अच्छी तरह नजर आये और शरीर के उन हिस्सों से फैट कम हो जाए जहां पर फैट कम होने से शरीर बेढंगा लगता है जब हम कार्डिओ शरीर के लगातार गतिविधि में रहना और लो इंटेंसिटी कार्यशीलता से आप के दिल की धढ़कन व् सांस लेने की क्रिया अपने औसत क्रिया से ५० से लेकर १०० प्रतिशत बढ़ोत्तरी के करने से लाभ मिलता है . यह क्रिया अगर हम ३० से लेकर ६० मिनट तक लगातार करते हैं तो कार्डिओ से लाभ मिलता है . ऐसी गतिविधिओं में लगातार जॉगिंग, ट्रेडमिल, साइकलिंग, स्विमिंग, डांस, बॉल खेल या फिर सर्किट वेट ट्रेनिंग आती है जिन्हे हम अपनी ताकत के ५० प्रतिशत जोर से लगातार २० मिनट से एक घंटा करते हैं. ऐसा करने से काफी समय लगता है और हम अपने आप में धीरे धीरे स्टैमिना या एन्डोरेंस बढ़ाते हुए करते रहते हैं. परन्तु आज के इस युग में समय की ज्यादा आवशयकता है. जिसे हम कम से कम बर्बाद कर सकते हैं.

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प्रोटीन मेनिया

क्या आपने कभी सोचा है कि छोटा सा बच्चा जब पैदा होता है तो पहले ही साल में अपने वज़न को ३ से ४ गुना बढ़ा लेता है | इसका मतलब यह हुआ कि इस एक साल में उसकी हडिडयां, मांसपेशिया, बेबी फैट व शरीर के अन्य अंग कितनी तेजी से बढ़े | अगर हम ध्यान से देखें इस एक वर्ष में बच्चे ने क्या खाया | ज्यादातर माताएं बच्चे को ६० से ८० प्रतिशत अपना दूध देती हैं और २० से ३० प्रतिशत के आस-पास अन्य पतले घोल जैसी खुराक देती हैं |

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जिम जरूरी

क्या आपने कभी सोचा है कि छोटा सा बच्चा जब पैदा होता है तो पहले ही साल में अपने वज़न को ३ से ४ गुना बढ़ा लेता है | इसका मतलब यह हुआ कि इस एक साल में उसकी हडिडयां, मांसपेशिया, बेबी फैट व शरीर के अन्य अंग कितनी तेजी से बढ़े | अगर हम ध्यान से देखें इस एक वर्ष में बच्चे ने क्या खाया | ज्यादातर माताएं बच्चे को ६० से ८० प्रतिशत अपना दूध देती हैं और २० से ३० प्रतिशत के आस-पास अन्य पतले घोल जैसी खुराक देती हैं |

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फिटनेस को लेकर कुछ गलतफ‍हमियां और उनके पीछे का सच

फिटनेस से जुड़ी गलतफ‍हमियों की वजग से कुछ लोग वर्कआउट और डाइट प्लान तो फॉलो करते हैं, लेकिन बिना ये समझे कि गलत जानकारी से उनका ये प्लान उन्हें फायदे की जगह नुकसान पहुंचा रहा है।

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